नये प्रभात की अँगड़ाइयाँ
अनिश्चित निश्चिंतता अस्तित्व अनुवाद अभिवादन अमेरिका ओ फिलिस्तिनो ! अंगरक्षक अँधेरी नदी काल केवल मैं नहीं रहूँगा कृति और कृतकार …
नहीं विराम लिया है
अपना पता न दे आगे बढ़ जा इस जीवन से इन आँखों के आगे कहाँ इस रथ पर आड़ लगाऊँ…
उषा
अयि अमर चेतने ज्योति किरण (दशम सर्ग) आधा यौवन हो चूका शेष इस जलते जीवन का प्रमाद (दशम सर्ग) इस…
ऊसर का फूल
अब मेरी पीड़ा से खेलो आ जा, ओ मेरे जीवन की आत्म-चिंतन आधा-आधा चित्र उतरता है कब आएगा वह! कितने…
एक चन्द्रबिम्ब ठहरा हुआ
अकेले गाते रहने में गायक को अप्राप्ति की अनुभूति में भी उडती हुई गुलाब की कुछ पँखुरियों को एक लहर…
कच-देवयानी
मैं क्या उत्तर दूँ! जीवन में जिसने यह आग लगायी है (प्रथम सर्ग) उर के आवेगों से विह्वल कच ने…
नाव सिन्धु में छोड़ी
नाव सिन्धु में छोड़ी अब तुम नौका लेकर आये अब तो स्वरमय प्राण हमारे अपने रँग में मुझे रँगा दो…
नूपुर बँधे चरण
नुपुर बंधे चरण मेरा अंत न होगा अब कैसा व्यवधान अभी बज रहे थे अश्रु-कण झरते रहे आज अणु-अणु सौभाग्य…