पुरस्कार
गुलाबजी के काव्य पर मिले विभिन्न पुरस्कार
- उषा (महाकाव्य) – उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत – १९६७ में
- रूप की धूप – उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत – १९७१ में
- सौ गुलाब खिले – उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत – १९७५ में
- कुछ और गुलाब – उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत – १९८० में
- अहल्या (खंडकाव्य) – उत्तर प्रदेश द्वारा विशिष्ट पुरस्कार – १९८० में
- अहल्या (खंडकाव्य) – श्री हनुमान मन्दिर ट्रस्ट, कलकत्ता, अखिल भारतीय रामभक्ति पुरस्कार – १९८४ में
- आधुनिक कवि, १९ – बिहार सरकार द्वारा, साहित्य सम्बन्धी अखिल भारतीय ग्रन्थ पुरस्कार – १९८९ में
- हर सुबह एक ताज़ा गुलाब – उत्तर प्रदेश द्वारा निराला पुरस्कार – १९८९ में
गुलाबजी की कुछ पुस्तकें महाविद्यालयों के शिक्षण-पाठ्यक्रमों में भी रह चुकी हैं।
- ‘उषा’ महाकाव्य – मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठ्यक्रम में १९६८ से कई वर्षों तक रहा।
- ‘कच-देवयानी’ खंडकाव्य – मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठ्यक्रम में था।
- ‘अहल्या’ खंडकाव्य – मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठ्यक्रम में था।
- ‘आलोक-वृत्त’ खंडकाव्य – मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठ्यक्रम में १९७६ से था।
- ‘आलोक-वृत्त’ खंडकाव्य १९७६ से उत्तर प्रदेश में इंटर के पाठ्यक्रम में स्वीकृत है।