geet ratnavali
सभी क्या सपने की थी माया?
अभी-अभी देखी जो मैंने, वह किसकी थी छाया?
सज-धजकर स्वामी ज्यों आये
माँ ने आसन दे बैठाये
विदा-गीत सखियों ने गाये
डोला गया सजाया
अभी चिकोटी भर गालों पर
किसने कहा कान में आकर–
‘भुला न देना, जा पति के घर
प्रेम यहाँ जो पाया?’
वे पड़ोस में भी हों आये
क्या, यदि मुझसे मिलन न भाये!
मन फिर-फिर उड़कर भी जाये
यहीं रहेगी काया
सभी क्या सपने की थी माया?
अभी-अभी देखी जो मैंने वह किसकी थी छाया?