ek chandrabimb thahra huwa
मैंने हजारों रंग के धागे
तुम्हारे आगे फैला दिये हैं,
जैसे जी चाहे
तुम इनमें से चुन लो
और अपने लिए
एक सुंदर-सा सपना बुन लो।
उस सपने में केवल वह नहीं होगा
जिसे तुम प्यार करती हो,
वह भी रहेगा, जो तुम्हें प्यार करता है
और जिसका प्रेम भी
तुम मन-ही-मन स्वीकार करती हों।