ret par chamakti maniyan
आपको तो सदा आगे ही आगे बढ़ना है
पर मुझे तो हर कदम पर
अपने लिए एक नया मार्ग भी गढ़ना है
आपकी और मेरी चाल
एक जैसी कैसे हो सकती हैं !
आपको राजमार्ग पर दौड़ना हैं
जबकि मुझे दुर्गम पर्वत की चोटियों पर चढ़ना है;
यही नहीं,
मैंने हर बार अपने आरोहण के लिए
एक ऐसा शिखर चुना है
जो अब तक भी
अनजाना है, अनदेखा है, अनसुना है,
जिसकी हिमशिलाओं पर
कभी मानव-चरणों की छाप नहीं पड़ी है,
जहाँ की देवदारु-पंक्ति
अब भी किसी मनु की प्रतीक्षा में खड़ी है