ret par chamakti maniyan
देश और काल ही नहीं
आप स्वयं भी तो इंद्वियातीत हैं,
आत्मानुभूति पर, अहसास पर टिके हैं
फिर अकेले ईश्वर पर ही यह दोषारोपण क्यों है
कि वे इंद्रियों की पकड़ में नहीं आते,
केवल विश्वास पर टिके हैं।
देश और काल ही नहीं
आप स्वयं भी तो इंद्वियातीत हैं,
आत्मानुभूति पर, अहसास पर टिके हैं
फिर अकेले ईश्वर पर ही यह दोषारोपण क्यों है
कि वे इंद्रियों की पकड़ में नहीं आते,
केवल विश्वास पर टिके हैं।