ret par chamakti maniyan
दो कवियों की आपस में तुलना नहीं करनी चाहिए,
एक की शराब
दूसरे की गंगाजली में नहीं भरनी चाहिए।
हो सकता है, दोनों के पास भिन्न प्रकार के सामान हों
फिर भी दोनों अपने आप में
एक-से ही महान हों।
हो सकता है,
एक से मंदिर में और दूसरे से नृत्य-सभाओं में ही
हम मिला करें
पर यदि दोनों की सुगंध मन को मोह लेती है
तो अच्छा यही है
कि दोनों अपने-अपने वृंत पर ही खिला करें।