ek chandrabimb thahra huwa

चिड़ियों की चहक ने चौंका दिया,
अंतर की गहराइयों से वह मुझे बाहर खींच लायी
और बोली–
‘मूर्ख ! स्वर्ग यहाँ भी है, देख यह बगिया।’