ek chandrabimb thahra huwa
मैं बाज-सा आकाश में उड़ जाना चाहता हूँ,
चमकते हुए तारों के साथ जुड़ जाना चाहता हूँ,
पर यह मन मेरा साथ नहीं देता है।
यह तो धरती पर पड़ा-पड़ा बस सपनों में करवटें लेता है
और कभी जब नींद से जागता है
तो उठकर रंगीन तितलियों के पीछे ही भागता है।