ek chandrabimb thahra huwa
यह कैसी विडंबना है
कि जब तुम पास रहती हो
मेरा मन तुमसे दूर-दूर चौकड़ियाँ भरता है
किंतु जब तुम दूर चली जाती हो
तो वह निरंतर तुम्हें ही याद करता है।
यह कैसी विडंबना है
कि जब तुम पास रहती हो
मेरा मन तुमसे दूर-दूर चौकड़ियाँ भरता है
किंतु जब तुम दूर चली जाती हो
तो वह निरंतर तुम्हें ही याद करता है।