kumkum ke chhinte

भला हूँ या बुरा हूँ,
जैसा भी हूँ, आपका हूँ,
खोकर मुझे
जीवन फिर ऐसा ही बिता सकेंगे आप!
तारा छोटा हो बड़ा,
टूट गया तो टूट गया,
सारे आकाश में भी उसकी झलक
फिर कभी पा सकेंगे आप!