nao sindhu mein chhodi

हम तो शब्दों के व्यापारी
शब्दों की दूकान लगाये बैठे गद्दीधारी

ज्ञान, शक्ति, आचरण, साधना
शब्दों से जो बँधे, बाँधना
बंधु! हमारी. महाराधना

शब्दमयी है सारी

शब्दों में है खोना-पाना
मरना, जीना, रोना, गाना
शब्दों के बल, हमने ठाना

युद्ध काल से भारी

यह जग-सृष्टि न टिक पाती है
बन बनकर मिटती जाती है
पर शब्दों की लहराती है

युग-युग सृष्टि हमारी

हम तो शब्दों के व्यापारी
शब्दों की दूकान लगाये बैठे गद्दीधारी