pankhuriyan gulab ki

हर सुबह एक ताज़ा गुलाब
आपकी बेरुख़ी का जवाब

वह तो हम हैं कि कहते नहीं
कौन पीता है जूठी शराब !

कुछ तो मतलब भी समझाइये
ख़त्म होने को आयी किताब

हमने ग़ज़लों में है रख दिया
ज़िंदगी भर का लब्बो-लबाब

आप नज़रें फिरा लें तो क्या !
आपके हो चुके हैं गुलाब