pankhuriyan gulab ki
कोई रोने के सिवा काम भी है !
मेरी हर सुबह, मेरी शाम भी है
दोस्त कर लेंगे याद मरने पर
दिल की बदनामियों में नाम भी है
जिसमें हम-तुम भी छूटते पीछे
प्यार में ऐसा एक मुक़ाम भी है
है तो दुनिया बड़ी हसीन, मगर
यह किसी दिलजले का काम भी है
ख़ूब काँटों में खिल रहे हैं गुलाब
प्यार की है सज़ा, इनाम भी है