pankhuriyan gulab ki

जुही में फूल जब आये, हमें भी याद कर लेना
नज़र जब ख़ुद से शरमाये, हमें भी याद कर लेना

मुसाफिर राह में यों तो हज़ारों साथ चलते हैं
कोई जब दिल को छू जाये, हमें भी याद कर लेना

न होता दिल हमारा तो निशाना तुम किसे करते !
हमीं ने तीर चलवाये, हमें भी याद कर लेना

कभी आँखों ही आँखों बात कुछ हमसे भी होती थी
कभी हम भी तुम्हें भाये, हमें भी याद कर लेना

तुम्हारे प्यार की धुन में खिला तो सौ गुलाब आये
भले ही हम न खिल पाये, हमें भी याद कर लेना