pankhuriyan gulab ki

दिल तो हमने ही लगाया है, आप चुप क्यों हैं !
दाँव यह हमने गँवाया है, आप चुप क्यों हैं !

लोग क्या-क्या नहीं कहते हैं हमको दुनिया में
आपका नाम भी आया है, आप चुप क्यों हैं !

हम अगर कुछ नहीं कहते तो कोई बात नहीं
प्यार आँखों ने जताया है, आप चुप क्यों हैं !

यह तो कहिये कि नज़र क्यों है खोयी-खोयी हुई !
भेद क्या हमसे छिपाया है, आप चुप क्यों हैं !

ऐसे गुमसुम नहीं हमने कभी देखे थे गुलाब
मुँह भी दुनिया ने फिराया है, आप चुप क्यों हैं !