pankhuriyan gulab ki
ये सितार बज उठे यों तेरे तोड़ने के पहले
कि तड़प ले कुछ तो दुनिया मेरे छोड़ने के पहले
जो छलक रहा है प्याला तेरे हाथ से तो क्या है !
कभी मुँह से तो लगा ले इसे फोड़ने के पहले
जिसे बेरुख़ी था समझा, वो नज़र थी बेबसी की
तेरी आँख भर ही आयी, मुझे छोड़ने के पहले
बड़ी हसरतों से आयी मुझे नींद उनके दर पर
मेरी ज़िंदगी ठहर जा, इसे तोड़ने के पहले
तेरे हार में थे यों तो कई फूल रंगवाले
ये गुलाब पर कहाँ थे मुझे जोड़ने के पहले !