pankhuriyan gulab ki
आपका एक इशारा तो हो !
कोई जीने का सहारा तो हो !
ख़ूब मातम मना रहे हैं दोस्त
दो घड़ी ज़िक्र हमारा तो हो !
देख लें प्यार से मुड़कर वे भी
हमने दिल से भी पुकारा तो हो !
इस तरफ़ एक किनारा है, मगर
उस तरफ़ कोई किनारा तो हो !
तेरी तड़पन समझ सकेगा, गुलाब !
कोई इस दर्द का मारा तो हो !