ravindranath:Hindi ke darpan me
निजेर उ साधारणेर
चन्द्र कहे, ‘विश्वे आलो दियेछि छड़ाये
कलंक या आछे ताहा आछे मोर गाये’
अपना और संसार का
चाँद बोला, ‘बाँट दिया विश्व में प्रकाश
कालिमा कलंक की टिका ली अपने पास’
निजेर उ साधारणेर
चन्द्र कहे, ‘विश्वे आलो दियेछि छड़ाये
कलंक या आछे ताहा आछे मोर गाये’
अपना और संसार का
चाँद बोला, ‘बाँट दिया विश्व में प्रकाश
कालिमा कलंक की टिका ली अपने पास’