ret par chamakti maniyan

यह संसार
किसी खिलाड़ी बालक का बनाया
बालू का घरौंदा नहीं है,
यह किसी सर्व-समर्थ कलाकार का
शाश्वत कलाकृत्य है।
इसका विलोप या विनाश देखना तो
हमारी सीमित दृष्टि का परिणाम है,
प्रत्यावर्तन ही यहाँ एक मात्र सत्य है।
इसलिए मैं भी दुहराये जाने से नहीं डरूँगा,
बार-बार जनमूँगा, बार-बार मरूँगा।