shabdon se pare

मैंने तो केवल भाषा दी है

विचार आपके हैं, भाव आपके हैं
पीड़ा आपकी, अभाव आपके हैं
हार-जीत के ये दाँव आपके हैं

मैंने तो केवल आशा दी है

जी नहीं करता, चाल मंद करें
पासे फ़ेंक डालें, खेल बंद करें
जो भी करना हो , निर्द्वंद करें

मैंने केवल अभिलाषा दी है

एक विस्तार है सिमटता हुआ
अघटित जैसे कुछ घटता हुआ
शत-शत रूपों में एक बँटता हुआ

मैंने केवल परिभाषा दी है

मैंने तो केवल भाषा दी है