tilak kare raghuveer

माना कुछ मेरा न यहाँ था
जो कुछ था सब तेरा ही था
फिर भी इन रेखाओं ने
कुछ तो अनंत को घेरा ही था

महाकाल के पथ पर र्मैने
जो पदचिन्ह बना डाले हैं
कुछ तो मार्ग प्रशस्त करेंगे
उनका, जो आनेवाले हैं