usar ka phool
चली संध्याभिसारिका
किरण के गूँथ स्वर्ण-कच-जाल
तिमिर-अंजन नयनों में डाल
इंदु-मुख, अरुण बिंदु रच भाल
प्राप्त-वय, चिर-कुमारिका
मेघ-छाया तनु-छवि सुकुमार
गले खग-माला धनुषाकार
गुंजरित चरण. महावरदार
कर्ण में फूल तारिका
वसन द्रुम-कलि-किसलय शतरंग
प्रतनु-उर, पीत-वदन, कृश अंग
मंद-स्मित, लघु-पद, नत भ्रू-भंग
श्याम अंचल-प्रसारिका
चली संध्याभिसारिका
1941