ek chandrabimb thahra huwa

तुम्हारे प्रति अपने हृदय की निर्मल भावना ही
मैंने अपनी कविता में निचोड़ दी है,
बस हलका-सा रंग लाने के लिए
उसमें थोड़ी-सी
कल्पना की केसर और छोड़ दी है।