ek chandrabimb thahra huwa
भाषा में क्या रक्खा है !
कागज पर मन के भाव उतारिए।
उनकी आँखों से प्यार छलक पड़ेगा
चाहे जिस भाषा में पुकारिए।
सच पूछिए तो
दो हृदयों के मिलन में
भाषा की आवश्यकता नहीं है,
प्रेमी और प्रेमास्पद के बीच
यहाँ कोई अधिवक्ता नहीं है।