kumkum ke chhinte
मेरे तड़पते रहने से तुम्हारे हृदय को भी
क्या कम सुख मिलता है!
अपने काँटों में बिधे हुए भौंरे को देखकर ही तो
फूल हँसता है, खिलता है।
मेरे तड़पते रहने से तुम्हारे हृदय को भी
क्या कम सुख मिलता है!
अपने काँटों में बिधे हुए भौंरे को देखकर ही तो
फूल हँसता है, खिलता है।