pankhuriyan gulab ki
किसीके प्यार में मरने को हम मरे तो सही
हमारी मौत से दुनिया मगर जिये तो सही
उभरती आयेंगी आँखों में सूरतें क्या-क्या
हमारे साथ कोई दो क़दम चले तो सही
बड़े ही शौक़ से उसको गले लगा लें हम
नज़र से आपकी, बिजली कभी गिरे तो सही
बहुत हुआ यही एहसान, हमको भूले नहीं
वे बेरुख़ी से ही उठकर गले मिले तो सही !
कभी तो आपकी मुस्कान देख लें हम भी
हमारे बीच का परदा कभी उठे तो सही
खड़ी है प्यार की दुनिया नज़र बिछाये हुए
गुलाब आपके होंठों पे कुछ खिले तो सही !