pankhuriyan gulab ki
आख़िर इस दिल की पुकारों में तुझको देख लिया
डूबते वक़्त किनारों में तुझको देख लिया
यों तो दुनिया में कहीं था न पता तेरा, मगर
हमने कुछ प्यार के मारों में तुझको देख लिया
फिर कभी लौटके आयी नहीं ख़ुशबू वैसी
दिल ने सौ बार बहारों में तुझको देख लिया
हमने पायी है वही टूटते दिल की तस्वीर
ज़िंदगी ! चाँद-सितारों में तुझको देख लिया
तू भले ही रहा दुनिया से अलग होके, गुलाब !
पर किसीने था हज़ारों में तुझको देख लिया