pankhuriyan gulab ki
यों न मिलने में शरमाइए
दो घड़ी रुक भी तो जाइए
प्यार मुँह से न कहते बने
प्यार आँखों से जतलाइए
जान हाज़िर है, लेकिन, हुज़ूर !
अपनी सूरत तो दिखलाइए
शर्त है प्यार की एक ही
ख़ुद तड़पिए तो तड़पाइए
सामने उनके चुप हैं गुलाब
कुछ भी कहिए तो शरमाइए