ret par chamakti maniyan
जो सपनों में नहीं जीता है,
जिसका जीवन कष्ट और अभावों में नहीं बीता है,
वह और कुछ भी हो जाय,
कवि नहीं हो सकता;
बाहर से भरा-भरा भी
वह अंदर से रीता है!
जो सपनों में नहीं जीता है,
जिसका जीवन कष्ट और अभावों में नहीं बीता है,
वह और कुछ भी हो जाय,
कवि नहीं हो सकता;
बाहर से भरा-भरा भी
वह अंदर से रीता है!