ret par chamakti maniyan
माना कि अपना सब कुछ लुटाकर
मैं आज निःस्व हो गया हूँ,
पर यह भी क्या कम है
कि जो पहले एक नन्ही-सी बूँद थी,
अब महासागर बनकर लहरा रही है,
व्यक्ति से मैं आज विश्व हो गया हूँ।
माना कि अपना सब कुछ लुटाकर
मैं आज निःस्व हो गया हूँ,
पर यह भी क्या कम है
कि जो पहले एक नन्ही-सी बूँद थी,
अब महासागर बनकर लहरा रही है,
व्यक्ति से मैं आज विश्व हो गया हूँ।