उषा

  1. अयि अमर चेतने ज्योति किरण (दशम सर्ग)
  2. आधा यौवन हो चूका शेष
  3. इस जलते जीवन का प्रमाद  (दशम सर्ग)
  4. इस पार कौन? उस पार कौन?  (दशम सर्ग)
  5. इस मधुर स्वप्न का कहीं अंत!  (दशम सर्ग)
  6. ऐसी मेरे मन की भाषा
  7. ओ मन की हलचल ! ठहर, ठहर
  8. छाया कैसा यह इंद्रजाल
  9. जीवन का क्षण-क्षण नाच रहा  (दशम सर्ग)
  10. तुम कौन पिकी-सी रही बोल (दशम सर्ग)
  11. तुम प्रेम न इतने बनो क्रूर
  12. प्रिय तुम तो सावन के प्रभात  (दशम सर्ग)
  13. फिर होगा जीवन का विचार
  14. भीख स्नेह की सजल नयन कितनी ही माँगे (एकादश सर्ग)
  15. मुझको न व्यथा से बहलाओ
  16. मैं अमाँ की एक विस्तृत तान (पंचम सर्ग)
  17. मैं जीवन-सत्ता दुर्निवार ( दशम सर्ग)
  18. मैं बढ़ता जैसे अग्नि बाण
  19. मैं धधक रहा बन प्रलय ज्वाल
  20. यह कैसा कोमल करुण राग (दशम सर्ग)
  21. यह मेरे मन का अन्धकार