nahin viram liya hai
तेरे सुर में ही बोलेगी
यह वीणा तो उन्हीं सुरों में नव-नव रस घोलेगी
गायक बड़े गुणी भी आयें
जुड़ा करें नित राजसभायें
इसे लाख लालच दिखलायें
तनिक नहीं डोलेगी
तेरा परस अदेखा पाकर
फूटेंगे इससे मधुमय स्वर
जो भी जग देगा, लेगी पर
आप न मुँह खोलेगी
जब हो जायें तार पुराने
नव सुर, नया रूप फिर पाने
भुला यहाँ के ताने-बाने
तेरे सँग हो लेगी
तेरे सुर में ही बोलेगी
यह वीणा तो उन्हीं सुरों में नव-नव रस घोलेगी