नहीं विराम लिया है_Nahin Viram Liya Hai

  1. अपना पता न दे
  2. आगे बढ़ जा इस जीवन से
  3. इन आँखों के आगे
  4. कहाँ इस रथ पर आड़ लगाऊँ
  5. कहाँ है, ओ अनंत के वासी
  6. कहीं भी हो मथुरा या काशी
  7. कालघन का गर्जन सुन घोर
  8. कैसे तेरी करूँ बड़ाई !
  9. क्यों तू मरे व्यर्थ चिंता से !
  10. तुमने वंशी तो दी कर में
  11. तूने अच्छे खेल खिलाये
  12. तूने मेरी आन निभायी
  13. तूने मेरी सुध न न भुलाई
  14. तेरे सुर में ही बोलेगी
  15. देख नर्तित मयूर-मन मेरा
  16. देख ली तेरी यह फुलवारी
  17. न तू सुध लेता यदि इस जन की
  18. नाथ! कैसे अपनाओगे !
  19. नाथ ! जब विदा कराओगे
  20. प्रभो ! इस घर में आग लगी है
  21. प्रीति यदि तुझमें सदा अटल हो
  22. प्रेम का बंधन कभी न टूटे
  23. प्रेम का महासिंधु लहराता
  24. बता दे, क्या लूँ मैं क्या छोडूँ
  25. बाँसुरी बजती है अंतर में
  26. मन तू दुःख से क्यों घबराये
  27. मलिनता है मेरे ही मन की
  28. मेरे प्राण प्रेम के प्यासे
  29. राम में नहीं, काम में रमता
  30. सँभलना, अब है मेरी बारी
  31. सच-सच कहना, ओ नभवासी !
  32. सोचा भी, कब तक है तेरी
  33. हम तो तेरे हैं दीवाने
  34. सुआ तो उड़ता ही जायेगा
  35. नहीं विराम लिया है