kasturi kundal base
ओ डाल के टूटे पत्ते!
चुपचाप धरती पर पड़ा रह,
जीवन में जो टेक ली है
उसी पर अड़ा रह।
जब मिलन की घड़ी आयेगी,
हवा स्वयं उड़ाकर
तुझे अपने लक्ष्य तक ले जायेगी!
ओ डाल के टूटे पत्ते!
चुपचाप धरती पर पड़ा रह,
जीवन में जो टेक ली है
उसी पर अड़ा रह।
जब मिलन की घड़ी आयेगी,
हवा स्वयं उड़ाकर
तुझे अपने लक्ष्य तक ले जायेगी!