kasturi kundal base
दुःख और अपमान की तीव्र यंत्रणाओं से
मुक्ति मिल जाती है
जब हमें बोध होता है
कि जो कुछ हमने देखा था
वह सब सपना था, निरर्थ था,
इस जीवन के बाद भी
क्या हम यही अनुभव नहीं करेंगे
कि संसार में हमारी हार-जीत
कोई अर्थ नहीं रखती थी!
हमारा सारा रोना-धोना व्यर्थ था!