kasturi kundal base
यह धरती चल रही है,
यह आकाश चल रहा है,
यह ब्रह्मांड चल रहा है,
परंतु इस महाचक्र को चलानेवाला भी तो कोई है,
जो इस चंचलता के बीच भी
चिर-अचंचल रहा है !
यह धरती चल रही है,
यह आकाश चल रहा है,
यह ब्रह्मांड चल रहा है,
परंतु इस महाचक्र को चलानेवाला भी तो कोई है,
जो इस चंचलता के बीच भी
चिर-अचंचल रहा है !