mere geet tumhara swar ho
दिवंगत मित्र
हैं करवट बदल कर ही जो सो गये
अभी सामने भीड़ में खो गये
उन्हें कोई मृत मान ले किस तरह
वे अब ओट आँखों से भी हो गये !
दिवंगत मित्र
हैं करवट बदल कर ही जो सो गये
अभी सामने भीड़ में खो गये
उन्हें कोई मृत मान ले किस तरह
वे अब ओट आँखों से भी हो गये !