har moti me sagar lahre
काव्य में दूँ सीख,यह तो दावा नहीं मेरा है
शिक्षक और होंगे, मुझे आप तम ने घेरा है
बात बस यही है, मैंने व्यथा निज स्वरों में भर
गुण गाये उसके जो इस सृष्टि का चितेरा है
काव्य में दूँ सीख,यह तो दावा नहीं मेरा है
शिक्षक और होंगे, मुझे आप तम ने घेरा है
बात बस यही है, मैंने व्यथा निज स्वरों में भर
गुण गाये उसके जो इस सृष्टि का चितेरा है