usha

इस पार कौन? उस पार कौन?
साँसों की जलती साँस कौन? प्राणों की विकल पुकार कौन?

वह कौन खड़ी उदयाचल पर?
भर  रही  तारकों  की   गागर
संध्या-सी  प्राची  में  नि:स्वर

वह पहने हीरक-हार कौन?

वह कौन विकल करती मन को
उर सिसक रहा आलिंगन को
सावन  के  बरसाती  घन  को

वह देती अश्रु उधार कौन?

मैं  किसके अधरों  का वर  हूँ?
मैं किसकी आत्मा का स्वर हूँ?
मँझधार  पड़ी  नौका  पर   हूँ

मुझको ले आज उबार कौन?

इस पार कौन? उस पार कौन?
साँसों की जलती साँस कौन? प्राणों की विकल पुकार कौन?