sau gulab khile
दीप जलता ही रहेगा रात भर
प्यार छलता ही रहेगा रात भर
कोई मन में बीन यादों की लिये
सुर बदलता ही रहेगा रात भर
आयेंगी आँखों में क्या-क्या सूरतें
दिल मचलता ही रहेगा रात भर
एक ही पल तो हमारे प्यार का
वह भी टलता ही रहेगा रात भर
चाँदनी चुपके विदा हो जायेगी
चाँद ढलता ही रहेगा रात भर
कोयलें गायेंगी डालों पर, गुलाब
हाथ मलता ही रहेगा रात भर