sau gulab khile
नज़र से दूर भी जाने से कोई दूर न था
हमारा दिल भी निशाने से कोई दूर न था
समझना चाहते उसको तो समझ लेते आप
ग़ज़ल में प्यार भी ताने से कोई दूर न था
जो रंग एक था आता तो एक जाता था
किसीके दूर बताने से कोई दूर न था
हमारा दिल तो धड़कता था आपके दिल में
छिपा था प्यार बहाने से, कोई दूर न था
पहुँच न पाई वहाँ क्यों गुलाब की ख़ुशबू !
हमारा मौन भी गाने से कोई दूर न था