bhakti ganga

सब कुछ कृष्णार्पणम्, सब कुछ कृष्णार्पणम्

ज्ञान-ध्यान, शक्ति-श्रम
राग-द्वेष, मोह-भ्रम
दाह दीनता अहम्
सब कुछ कृष्णार्पणम्

भोग-योग, यम-नियम
श्रेय-प्रेय, प्रेयतम
लाभ-हानि, सम-विषम
सब कुछ कृष्णार्पणम्

भव-विभव, अधिक कि कम
शिव-अशिव, शुभाशुभम्
प्राप्त जो अगम-सुगम
सब कुछ कृष्णार्पणम्

सत्, असत्, अहम्, इदम्
वृत्ति उच्च या अधम
सुंदरम्, असुन्दरम्
सब कुछ कृष्णार्पणम्

व्यर्थ जन्म-मृत्यु-क्रम
ईति-भीति, त्रास-तम
रोग-शोक, दुख चरम
सब कुछ कृष्णार्पणम्

भेद बुद्धि के अलम्
जप-तप आगम-निगम
मन्त्र अब यही परम
सब कुछ कृष्णार्पणम्

पाँव क्यों न जायँ थम
मार्ग चल रहा स्वयम्
मुक्त, आज मुक्त हम
सब कुछ कृष्णार्पणम्