boonde jo moti ban gayee
तुम्हारी आँखों में चाँद-सूरज से भी
अधिक आकर्षण है,
तुम्हारा दर्शन ही
मेरे लिए भगवान का दर्शन है।
तुम्हें ये कवितायें पसंद हैं,
इसी लिए मैं भी इन्हें सराहता हूँ,
तुम मुझे चाहती हो,
इसी लिये मैं भी अपने आपको चाहता हूँ।
मेरी इस विकलता को देखकर
जिसका जो जी चाहे सो कहे,
सच्ची बात तो यह है,
मेरे और तुम्हारे बीच कोई भी व्यवधान क्यों रहे !