boonde jo moti ban gayee
तुम्हारी निष्ठुरता से
मेरा जीवन कृतार्थ हो गया है,
पीड़ा का प्रत्येक स्पंदन
भोगा हुआ यथार्थ हो गया है।
प्रेम की कोई अनुभूति
अब मुझे परायी नहीं लगती,
मेरी कविता का हर शब्द,
मुझ पर चरितार्थ हो गया है।
तुम्हारी निष्ठुरता से
मेरा जीवन कृतार्थ हो गया है,
पीड़ा का प्रत्येक स्पंदन
भोगा हुआ यथार्थ हो गया है।
प्रेम की कोई अनुभूति
अब मुझे परायी नहीं लगती,
मेरी कविता का हर शब्द,
मुझ पर चरितार्थ हो गया है।