boonde jo moti ban gayee

प्रेम कभी मरता नहीं है,
वह जितना डूबता है, उतना उभरता है,
जितना टूटता है, उतना जुड़ता है,
जितना बिखरता है, उतना सँवरता है,
असहाय कपोत जैसे हमारे हृदय को
वह बाज की तरह दबोच लेता है
और निकलने नहीं देता,
सच्ची बात तो यह है–
प्रेम हो जाता है,
कोई प्रेम करता नहीं है।