chandan ki kalam shahad mein dubo dubo kar

पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन पर

घृणा, विद्वेष, जड़ता के लिए तलवार था नेहरू
अहिंसा, सत्य, समता, शांति की पतवार था नेहरू
अडिग विश्वास जीवन का उमड़ता ज्वार था नेहरू
पराजित विश्व को नव शक्ति की ललकार था नेहरू

उमड़ता कोटि प्राणों का पुलकमय प्यार था नेहरू
अटल, अविजेय, अविचल, वज्र की दीवार था नेहरू
लिखा जो शौर्य ने साहस-पटी पर, क्रांति के कर से
अकुंठित चेतना का चित्र वह सुकुमार था नेहरू

गहन दासत्व-तम में मुक्ति-मंत्रोच्चार था नेहरू
पराजित मातृ-भू की वेदना साकार था नेहरू
बड़े ही यल से काता जिसे था आप बापू ने
अहिंसा की रूई से, सत्य का वह तार था नेहरू

नये तीरथ रचाता एक नव-अवतार था नेहरू
मनुजता के अमर आदर्श की झंकार था नेहरू
विभाजित विश्व के दोनों सिरे नव प्रीति से कसता
नये संसार का रचता नया आधार था नेहरू

बहुत, माना, हठी था, तेज था, तर्रार था नेहरू
सरित हम थाहते जब तक कि उड़कर पार था नेहरू
हमारी शिथिलता, जड़ता, कुढ़ाती थी उसे हरदम
करे क्‍या, पाँव में बिजली बँधी, लाचार था नेहरू!

हमारी जय-पराजय भावना का द्वार था नेहरू
सफलता या विफलता, पूर्ण एकाकार था नेहरू
बहुत थे पूज्य गौतम और गाँधी, पर बहुत ऊँचे
मनुज हम-सा, हमींमें से, हमारा प्यार था नेहरू

विफल अणु-त्रस्त जग का सजग पहरेदार था नेहरू
मनुज के प्राण का शिशु, स्वप्न-ज्योति-कुमार था नेहरू
अमर संकेत भावी का, लिखा इतिहास-पृष्ठों पर
नये मनुजत्व, नव संसार का श्रृंगार था नेहरू

विभा ऊर्जस्व, मानव-सभ्यता का सार था नेहरू
पृथकता, क्षुद्रता, जड़-स्वार्थ-हित अंगार था नेहरू
तड़ित्‌ के तार में झलमल गुलाबी हीरकों की छवि
करोड़ों भारतीयों के गले का हार था नेहरू

1964