diya jag ko tujhse jo paya
जब मैं सदा साथ हूँ तेरे
क्यों फिर तुझको चिंता, भय, दुख, शोक, निराशा घेरे!
भला-बुरा, सार्थक कि निरर्थक
किया, न जो कर पाया अब तक
रखता जा कर्मों की पुस्तक
बस चरणों पर मेरे
तेरी आर्त्त पुकारें सुनकर
मैं कुल पाप हरूँगा, मत डर
साथ न छोड़ूँगा तम-पथ पर
जब यह जग मुँह फेरे
दृढ़ श्रद्धा, आस्था रख मन में
आना है बस तुझे शरण में
दूँगा फिर से नव जीवन मैं
होंगे दूर अँधेरे
जब मैं सदा साथ हूँ तेरे
क्यों फिर तुझको चिंता, भय, दुख, शोक, निराशा घेरे!