ek chandrabimb thahra huwa

हवा मंद-मंद बहती है,
जैसे मुझे थका हुआ देखकर कहती है–
‘आ, तुझे अपने सीने से लगा लूँ,
तू भी सुस्ता ले, मैं भी सुस्ता लूँ।’