ek chandrabimb thahra huwa
हमें साथ-साथ रहते कितने दिन हुए!
पर, भावनाओं का रंग
दिनों दिन अधिक गहरा हुआ लगता है,
उम्र की बहती हुई नदी में हमारा प्रेम
चंद्रबिम्ब की तरह ठहरा हुआ लगता है।
हमें साथ-साथ रहते कितने दिन हुए!
पर, भावनाओं का रंग
दिनों दिन अधिक गहरा हुआ लगता है,
उम्र की बहती हुई नदी में हमारा प्रेम
चंद्रबिम्ब की तरह ठहरा हुआ लगता है।